फिरंगियों ने देश छोड़ा,
जनता हुई निहाल।
और प्रधानमंत्री बन गए,
अपने जवाहर लाल।
बच्चों से प्यार था,
चाचा नेहरू कहलाए।
भाखड़ा जैसे बांध भी,
उन्होंने ही बनवाए।
सादगी की मिसाल थे,
जाने सकल जहान।
जहां भी चले गए,
मिला मान सम्मान।
देश में कायम रखा,
भाईचारा और अमन।
आओ, उन्हें अर्पित करें,
अपने श्रद्धासुमन।
हरज्ञान सिंह सुथार 'हमसफरÓ
276, साहित्य सदन, गांव धारणिया, फतेहाबाद (हरियाणा), मो. 8059752377