Poem post authorMedia Jagat 10 Jan, 2019 (3069)

ऐसी होती हैं ये बेटियां

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जिस आंगन में ना खेली लाडो,

ना गूंजी इसकी किलकारी, 

वो क्या जाने..?

कैसी होती है ये बेटियां....

माँ-बाप की जरा सी आह पर,

खुलकर रोती है ये बेटियां,

ऐसी होती है ये बेटियां......

माँ-बाप की गोद मे सर रखकर,

सुकून से सोती हैं ये बेटियां,

ऐसी होती हैं ये बेटियां......

आक को आंगन से उखाड़कर,

आम ही बोती है ये बेटियां,

ऐसी होती हैं ये बेटियां......

हर दु:ख हरकर माँ-बाप का,

खुशियों में डुबोती है ये बेटियां,

ऐसी होती है ये बेटियां......

हर कीचड़ की साफ करके,

गंगाजल सा धोती हैं ये बेटियां,

ऐसी होती हैं ये बेटियां.......

Poem Sushma Malik, Poem Betiyan

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