Poem post authorMedia Jagat 9 May, 2019 (951)

अगली सांस

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अगली सांस तेरी अंतिम है
तू राख हो जाना है 
जीवन का पल-पल कीमती है
चिन्ता कर नहीं गंवाना है
जो होना है वो होकर रहेगा
तुझे नहीं घबराना है
खुषी-खुषी ये जी ले जिंदगी
दोबारा यहां नहीं आना है

सन्दीप कम्बोज
क्लर्क, रा.क.मा.वि. लाहली (रतिया, फतेहाबाद)
मो. 8570008572

Poem

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